शनिवार 18 जनवरी 2025 - 11:17
बांग्लादेश: संविधान से 'सेक्युलरिज़्म' और 'सोशलिज़्म' हटाने का प्रस्ताव

हौज़ा/ बांग्लादेश में संवैधानिक सुधार आयोग ने संविधान से 'सेक्युलरिज़्म' और 'सोशलिज़्म' को हटाने का प्रस्ताव देने के साथ आयोग ने प्रधानमंत्री के कार्यकाल को अधिकतम 2 बार तक सीमित करने और दो सदनों वाली संसद प्रणाली अपनाने की भी सिफारिश की है।

हौज़ा नयूज़ एजेंसी के अनुसार, बंग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा स्थापित संवैधानिक सुधार आयोग ने संविधान से 'सेक्युलरिज़्म' और 'सोशलिज़्म' जैसे मौलिक सिद्धांतों को हटाने की सिफारिश की है। प्रोथोम आलो के अनुसार, यह सिफारिश अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को सौंपी गई रिपोर्ट में की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 'सेक्युलरिज़्म', 'सोशलिज़्म', और 'नेशनलिज़्म' जैसे मौजूदा तीन सिद्धांतों को बदलकर 'समानता', 'मानवीय गरिमा', 'सामाजिक न्याय', और 'बहुलवाद' जैसे नए चार मूल सिद्धांत अपनाने का प्रस्ताव है। 1972 में लागू किए गए संविधान में मौजूदा चार सिद्धांतों में से केवल 'डेमोक्रेसी' को बनाए रखने की सिफारिश की गई है।

सिफारिश के पीछे तर्क:
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नए सिद्धांत 1961 की आज़ादी की लड़ाई की भावना और 2024 के छात्रों की अगुवाई में हुए बड़े प्रदर्शन के बाद नागरिकों की इच्छाओं को दर्शाते हैं। इन विरोध प्रदर्शनों के कारण अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया गया था, जिसके बाद वे भारत भाग गईं।

अन्य सिफारिशें:

  1. चुनावी बदलाव: राष्ट्रीय चुनावों में उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव ताकि युवाओं को संसद में बेहतर प्रतिनिधित्व मिल सके।
  2. प्रधानमंत्री कार्यकाल: प्रधानमंत्री के कार्यकाल को 2 बार तक सीमित करने की सिफारिश।
  3. द्विसदनीय संसद: निचले सदन में 400 सीटों और ऊपरी सदन (सीनेट) में 105 सीटों का प्रावधान।

आगे की प्रक्रिया:
संविधान में बदलाव से पहले, फरवरी में अंतरिम सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी। सहमति बनने के बाद ही प्रस्तावित सुधार लागू किए जाएंगे।

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